महिला आरक्षण बिल 2023 क्या है in Hindi

2023 में Mahila Aarakshan Vidheyak: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 18 सितंबर से तत्कालीन लोकसभा सत्र को 5 दिनों के लिए शुरू किया है और इस सत्र के पहले ही दिन, 18 सितंबर को, सत्र में महिला आरक्षण बिल (Nari Shakti Vandan Bill 2023) को मंजूरी दी गई है। इस विधेयक का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को लोकसभा और विधानसभा में आरक्षण प्रदान करना है।

महिला आरक्षण बिल क्या है?

महिला आरक्षण बिल का प्रावधान है कि राज्य विधानसभा और संसद में महिलाओं की भागीदारी को तिहाई किया जाए। यानी कि इस बिल के अनुसार, लोकसभा सांसद और राज्य विधानसभा में 33% सीटों को महिलाओं के लिए आरक्षित किया जाएगा। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, Mahila Aarakshan Vidheyak (Women Reservation Bill 2023) को पारित होने के बाद यह बिल अगले 15 वर्षों तक ही लागू किया जाएगा, इसके पश्चात् यह बिल स्वतः ही समाप्त हो जाएगा।

Mahila Aarakshan Bill लाने की आवश्यकता क्यों है?

वर्तमान में, लोकसभा सांसद और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं का प्रतिष्ठान 15% से भी कम है। यह बिलकुल निर्मूल्य है कि अन्य देशों के सांसदों की तुलना में, भारत में महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी कम है। इसलिए, 1996 से लेकर आज तक, सभी सरकारें इस महिला आरक्षण बिल को पारित करने के प्रयास कर रही हैं। इसे माना जाता है कि अगर महिलाएं सिर्फ और सिर्फ पॉलिटिकल घरानों में नहीं आती हैं, तो देश की प्रगति केवल कागजों पर ही सीमित रहेगी। इसलिए, इस सत्र में इस विधेयक को पारित करने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास किए जा रहे हैं।

What Is Mahila Aarakshan Bill 2023 in Hindi P
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किस राज्य में कितनी महिलाएं हैं विधायक?

10% से कम महिलाएं संसद में हैं: दिसंबर 2022 के आंकड़ों के अनुसार, मध्य प्रदेश, केरल, कर्नाटक, गुजरात, असम, गोवा, हिमाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा, मणिपुर, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और सिक्किम, इन 14 राज्यों में महिला विधायकों की संख्या कुल विधायकों की संख्या का केवल 10% से कम है। संसद में 15% से कम महिलाएं: लोकसभा में, जिसमें कुल 543 सदस्य होते हैं, केवल 78 महिला सदस्य हैं, जिससे संसद में महिलाओं की हिस्सेदारी 15% से कम है।

10% से अधिक महिला विधायको की संख्या वाले राज्य की सूची

क्रमांक  राज्य का नाम   महिला विधायक (%)

01          पश्चिम बंगाल    13.70

02          छत्तीसगढ़       14.44

03          झारखंड        12.35

04          बिहार          10.70

05          दिल्ली           11.43

06         राजस्थान       12.00

07          पंजाब          11.11

08          यूपी            11.66

09         उत्तराखंड     11.43

10          हरियाणा    10.00

महिला आरक्षण बिल के लाभ (Benefits of Women Reservation Bill):

  • 2023 में Mahila Aarakshan Bill के पास होने से महिलाओं का राजनीतिक क्षेत्र में भागीदारी बढ़ेगी।
  • इससे महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा मिलेगा।
  • Mahila Aarakshan Bill 2023 के अंतर्गत, जिसमें 33% आरक्षण का प्रावधान है, उसमें एससी और एसटी जाति की महिलाओं को भी उप-आरक्षण मिलेगा।
  • हम आपको यह बताना चाहते हैं कि पंचायत और नगर पालिका में पहले से ही स्वर्गीय प्रधानमंत्री राजीव गांधी के दौर में मंजूरी मिल चुकी थी कि 33% महिला आरक्षण की जाए।
  • यदि 2023 में इस विधेयक को पास किया जाता है, तो राज्य विधानसभा और लोकसभा में भी महिलाओं का भागीदारी बढ़ जाएगा।
  • इस बिल के प्रावधान के अनुसार, 15 वर्षों तक महिलाओं को 33% आरक्षण प्रदान किया जाएगा।
  • नारी शक्ति वंदन बिल के कारण, लोकतंत्र को मजबूत किया जा सकेगा।

Women Reservation Bill 2023 may present in new Parliament tomorrow on  Ganesh Chaturthi PM Modi masterstroke | पीएम मोदी का मास्टरस्ट्रोक, कल नई  संसद में महिला आरक्षण बिल आएगा? | Hindi News,

महिला आरक्षण विधेयक का इतिहास

1989 में, स्वर्गीय राजीव गांधी ने पंचायतों और नगर पालिकाओं में महिला आरक्षण को 33% नींव रखने का प्रस्ताव दिया।

1993 में, राजीव गांधी के प्रस्ताव को मान्यता देकर नरसिम्हा राव ने पंचायतों और नगर पालिकाओं में महिलाओं को एक तिहाई (1/3) हिस्सेदारी देने का बिल पारित किया।

1996 में, प्रधानमंत्री H. D. Deve Gowda ने लोकसभा और राज्यसभा में महिलाओं को 33% आरक्षण देने के लिए प्रस्तावित बिल पेश किया, लेकिन इसे महसूस किया कि बहुमत नहीं हो सकता था, इसके कारण Mahila Aarakshan Bill पारित नहीं हुआ।

1998 में, प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने भी Women Reservation Bill को लाने का प्रयास किया, लेकिन वह भी असफल रहे। उन्होंने 1999, 2002 और 2003 में इसे पारित करने के लिए लगातार प्रयास किए।

2004 में, प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने भी इसे पारित करने का प्रयास किया, लेकिन इस बार लालू प्रसाद यादव और मुलायम सिंह यादव ने इसका विरोध किया और बिल को फिर से नाकामयाब बना दिया।

2010 में, महिला आरक्षण विधेयक को राज्य सभा में पारित किया गया, लेकिन लोकसभा में मंजूरी नहीं मिली।”

FAQs: 

प्रश्न: क्या महिला आरक्षण विधेयक लोकसभा में पारित हो गया है?

उत्तर: नहीं, अभी तक पारित नहीं हुआ है, लेकिन इस साल 2023 में इसे पारित करने की संभावना है।

प्रश्न: महिला आरक्षण विधेयक को प्रस्तुत करने का आदि कौन करने का प्रारंभ किया था?

उत्तर: इसका प्रारंभ स्वर्गीय राजीव गांधी ने किया था।

प्रश्न: Mahila Aarakshan Bill में महिलाओं को कितना आरक्षण प्राप्त होगा?

उत्तर: महिलाओं को 33% आरक्षण प्राप्त होगा।

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